क्या आपने कभी ये सोचा है की आपको वो Ads क्यों दिखने लगता है जो आप अभी future के लिए प्लान किया है। जबकि ऐसा भी नहीं हुआ की आपने किसी साइट पे कुछ सर्च किया हो !!!!
आज हम आपके लिए कुछ ऐसा ही इनफार्मेशन ले के आये है, जरा सोचिये अगर हर समय कोई आपकी बात सुनता रहे तो उसको आप के बारे में सब पता होगा की आप क्या सोच रहे हो या आप क्या प्लान कर रहे हो, ऐसा ही काम आपका स्मार्टफोन या फिर कहे voice assistance भी कर रहा है।
आपको शायद पता ना हो, Google और Facebook ने आपके और आपकी आदतों के बारे में इतना डेटा इकक्ठा कर लिया है कि यह अनुमान लगा सकता है कि आप कौन से विज्ञापन क्लिक कर सकते हैं या आप कौन से उत्पाद खरीद सकते हैं ।
यही नहीं, इन्होने आपका डाटा को इतना Process कर लिया है की आप के जैसे आपकी Voodoo Doll बना लिया है।
क्योकि हाल ही में हुए conference से और उनकी टिप्पणियों के आधार पर, ऐसा लगता है कि Google अभी भी हमारे व्यवहार का अनुमान लगाने के तरीके में बहुत अधिक निवेश किया है।
और इस विषय पर कहा, “मुझे आपकी बातचीत सुनने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैंने आपके द्वारा किए गए सभी क्लिकों और पसंद को जमा कर लिया है, की मुझे बस आपके Voodoo Doll से ( जो की आपकी तरह ही है ) पूछने की जरुरत है।
दूसरे शब्दो में बोले तो, अब उन्हें आपके फ़ोन से आपकी activity मॉनिटर करने की need
नहीं है, वो आपके Voodoo Doll से ही आपकी पसंद / नापसंद जान सकते है।
Itechinsider आपके privacy के लिए आपको suggest करता है की कोई भी app इनस्टॉल करते वक़्त उसकी परमिशन चेक करे और अगर आपको कुछ भी irrelevant लगे तो Permission ब्लॉक कर दे।